भानगढ़ का किला भारत के सबसे भूतिया स्थान के नाम से जाना जाता है और यह किला तभी शायद सबसे बड़ा अनसुलझा रहस्य बना हुआ,| इस फोर्ट के बारे में कहा जाता है कि कुछ लोग शाम के समय यहां घूमने के लिए गए थे, लेकिन वापस लौटकर नहीं आए। वहीं कुछ लोगों मानना है कि इस फोर्ट से औरत के चिल्लाने, चूड़ियां तोड़ने और रोने की आवाजें सुनी हैं|
कुलधरा गांव को 'भूतों का गांव' भी कहा जाता है.यह गांव पिछले 200 सालों से वीरान पड़ा है. गांव के खंडहरों में तीन श्मशान घाट हैं.कुलधरा की सुनसान, संकरी गलिया, खंडर में तब्दील हो चुके घर, बीच-बीच में उगी हुई झाडियां किसी को भी डराने के लिए काफी है.|जहां रात तो क्या, दिन में भी जाने से लोग डरते हैं.|इस जगह को श्राप दिया कि ये गांव कभी दोबारा नहीं बस पाएगा और कोई दूसरा व्यक्ति वहां नहीं रह पाएगा.
यह एक शिकारगाह थी, जिसे 1325 में तुगलक वंश के तीसरे शासक फिरोज़शाह तुगलक ने बनवाया था.1985 में भारत सरकार ने बेगम विलायत महल को इसका मालिकाना हक दे दिया|कहा जाता है कि बेगम विलायत महल ने आत्महत्या कर ली थी. उनके बेटों ने उनके शव को दफ़नाया नहीं और शव पर लेप लगाकर उसे ठीक रखने की कोशिश की. चूंकि बेगम का अंतिम संस्कार ठीक से नहीं हुआ, इसलिए लोगों को लगता है कि आज भी उनकी आत्मा यहां भटकती है
डुमस बीच का इतिहास अरब सागर से लगा हुआ यह बीच सूरत से 21 किलोमीटर की दूरी पर है। सबसे आश्चर्यजनक बात यह है कि यहां की रेत का रंग काला है। इस बीच का इतिहास किसी को नहीं पता। लेकिन, स्थानीय लोगों का कहना है कि सदियों पहले यहां पर आत्माओं ने अपना बसेरा कर लिया और इसी के चलते यहां की रेत काली हो गई।
असम के दिमा हासो जिले की पहाड़ी में स्थित जतिंगा घाटी पक्षियों का सुसाइड पॉइंट के तौर पर काफी मशहूर है|यहां डाउ हिल के जंगल में, जहां अतीत में कई अप्राकृतिक मौतें हुई हैं, 100 साल पुराना विक्टोरिया बॉयज हाई स्कूल स्थित है, जो प्रेतवाधित जंगल के अंधेरे वातावरण से घिरा हुआ है। जब दिसंबर से मार्च तक सर्दियों की छुट्टियों के दौरान स्कूल बंद रहता है तो स्थानीय लोगों ने तेज़ फुसफुसाहट और कदमों की आवाज़ सुनी है।